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मेरी भाभी और वो काला आदमी
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हैल्लो दोस्तों, में सागर एक बार फिर से हाजिर हूँ और आप सभी गंदीकहानियाँ डॉट कॉम के चाहने वालों के सामने अपनी दूसरी कहानी के साथ है और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी जरुर को पसंद आएगी। दोस्तों मेरे घर में हम पांच लोग ही है, में, मेरी मम्मी, पापा, बड़े भैया और भाभी। दोस्तों मेरे पापा एक सरकारी नौकर थे, लेकिन अब वो रिटायर्ड है और अपनी एक दुकान पर बैठकर अपना टाईम पास करते है। मेरी मम्मी घर में रहती और घर के छोटे मोटे कामों में मेरी भाभी की मदद करती है। भैया और भाभी दोनों ही अलग अलग सरकारी सेक्टर में है और में दिल्ली में रहकर फील्ड की नौकरी करता हूँ।
दोस्तों उस समय यहाँ पर बहुत गरमी हो रही थी और में एक सिगरेट की दुकान पर रुककर पेप्सी और सिगरेट पी रहा था। तभी कुछ देर बाद उसी दुकान पर एक आदमी बाईक लेकर आया, उसके साथ एक औरत भी पीछे बैठी हुई थी और जिसने अपने मुहं पर साड़ी का पल्लू लिया हुआ था। में उस समय बिल्कुल कोने में खड़ा हुआ देख रहा था। तभी उस आदमी ने बिना अपना हेलमेट उतारे उस दुकान से एक कॉंडम का पैकेट ले लिया और वापस जाने लगा। उस औरत ने एक पर्स अपने कंधे पर लटकाया हुआ था, उसको देखकर में बहुत हैरान हो गया और फिर में मन ही मन सोचने लगा कि यह तो वही पर्स है जो मम्मी ने मेरी भाभी को गिफ्ट दिया था और फिर उस आदमी ने अपनी बाईक पर किक मारी और वो चल दिया, लेकिन में अब भी उसके बारे में सोच रहा था। तभी अचानक से में अपने होश में आ गया और मैंने अपनी बाईक को स्टार्ट किया और धीरे धीरे उसके पीछे जाने लगा। फिर कुछ दूरी पर चलने के बाद वो एक सरकारी क्वॉर्टर की तरफ मुड़ गए तो में भी उनके पीछे पीछे हो लिया और फिर वो एक बिल्कुल कोने के मकान के पास जाकर रुका।

दोस्तों में वहाँ पर बहुत बार जा चुका था और वो मकान आगे से अक्सर बंद ही रहता था, लेकिन उसके पीछे की तरफ एक कमरा था, जिसका दरवाजा हमेशा खुला ही रहता था।

मैंने कई बार वहाँ पर जाकर पेशाब भी किया था, वो अपनी गाड़ी से नीचे उतरे और वो आदमी उस मकान का दरवाजा खोलने लगा और फिर वो दोनों तुरंत अंदर घुस गये। फिर में भी जल्दी से पीछे की तरफ भागा और उस कमरे से अंदर की तरफ देखने लगा। उस औरत ने अंदर जाते ही अपनी चुन्नी को उतार दिया और उसके चुन्नी को उतारते ही में तो उसे एकदम चकित होकर देखता ही रह गया, क्योंकि वो मेरी भाभी ही थी। दोस्तों में आप सभी लोगों को बता दूं कि मेरी भाभी की उम्र करीब 38-40 के बीच होगी और फिर उन्होंने अपनी चुन्नी को उतार दिया और उस आदमी से पूछा कि मुझे फ्रेश होना है तो वॉशरूम कहाँ है? तो उसने हाथ का इशारा करके बताया। में लगातार उस आदमी को देख रहा था और उसके बारे में सोच रहा था। वो करीब 45- 50 के बीच का काला बहुत अजीब सा था और वो ज़्यादा लंबा चौड़ा भी नहीं था, मेरे भैया के मुक़ाबले तो वो आधा भी नहीं था। फिर भाभी ऐसा कैसे कर सकती है, उन्हे पूरी दुनिया में क्या बस यही आदमी मिला था यह सब करने के लिए, में यह सारी बातें सोचता रहा। फिर वो कुछ देर बाद वॉशरूम से फ्रेश होकर बाहर आई और आते ही उस आदमी ने उन्हें तुरंत अपनी तरफ खींचकर चूमना, चाटना शुरू कर दिया और वो बिल्कुल पागलों की तरह उनके गोरे गोरे गाल और गुलाबी होंठ चूम और चाटे जा रहा था।

फिर भाभी ने उससे कहा कि इतने जल्दी में क्यों हो थोड़ा आराम से मज़े लेंगे, हमारे पास तो अभी बहुत टाईम है और वो उसका हाथ पकड़कर उसे बेड की तरफ लेकर चली गयी और वो बेड पर लेट गई। अब उसने भाभी का पल्लू हटाया और ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को चूमने लगा और दबाने लगा। भाभी की आँखें बंद थी और वो तेज़ तेज़ साँसें ले रही थी। अब वो धीरे धीरे नीचे की तरफ जाने लगा और उनकी नाभि में अपनी जीभ को डालने लगा और दोनों हाथों से उसके बूब्स को दबाने लगा था और नीचे जाकर वो भाभी की साड़ी को खोलने लगा और भाभी की मदद से उसने पूरी साड़ी को उतार दिया। फिर वो पेटिकोट भी खोलने लगा और भाभी की गोरी गोरी जांघे अब उसके सामने थी। वो देखकर साला पागल हो गया और अब वो मेरी भाभी के पूरे पैर और तलवे को चाटने लगा। दोस्तों मैंने देखा कि भाभी ने उस समय लाल कलर की पेंटी पहनी हुई थी, वो तो अब ऐसे पागल हो गया जैसे पहली बार किसी को ऐसे देख रहा था और भाभी भी उसको देखकर हंस रही थी और फिर वो उससे कहने लगी कि पहली बार किसी को इस तरह से देख रहे हो क्या? तो वो बोला कि हाँ में आज इस तरह इतनी गोरी औरत को पहली बार ही देख रहा हूँ। फिर भाभी बोली कि तुम झूठ मत बोलो इतना मोटा और लंबा हथियार लेकर घूमते हो और इससे पहले कभी इतनी गोरी औरत से नहीं किया, ऐसा हो ही नहीं सकता।
दोस्तों में अपनी भाभी के मुहं से यह सब सुनकर बहुत हैरान था और अब वो पहली बार भाभी को ऐसे देख रहा था और में सोच रहा था कि भाभी को बिना देखे कैसे पता कि उसका लंड कितना लंबा और मोटा है? अब वो अपना काम करने में लगा हुआ था। फिर वो ऊपर की तरफ बढ़ने लगा और अपनी जीभ से चाटने, चूमने लगा और फिर ब्लाउज को खोलने लगा और जैसे ही उसने ब्लाउज को खोला तो वो भाभी की लाल कलर की ब्रा को देखकर तो भाभी के ऊपर जैसे टूट पड़ा हो। अब कभी वो चूमता तो कभी चाटता और कभी काट रहा था, जिसकी वजह से भाभी के गाल, छाती और गला पूरा लाल हो गये थे। फिर भाभी ने उसे रोका और बोला कि तुम अब अपने कपड़े भी तो उतारो तो वो खड़ा हुआ और अपनी शर्ट और पेंट को उतारने लगा और जैसे ही वो अंडरवियर में आया तो उसके लंड का उभार इतना था कि मानो उसकी नाभि तक लंड के खड़े होने की वजह से छुप गयी थी। फिर भाभी ने उसका तनकर खड़ा लंड देख और उस पर अपना हाथ फेरने लगी, वो उस समय खड़ा था और भाभी लेटी हुई थी और हाथ फेरते फेरते भाभी ने उसका अंडरवियर उतार दिया और अब उसका लंड ऐसे सामने आया जैसे पिंजरे से भूखा शेर आज़ाद हो गया हो और फिर भाभी उसका लंड देखकर पागल हो गयी और एकदम से उसके काले टोपे को अपनी जीभ से चाटने लगी। सच में उसका लंड बहुत मोटा और लंबा था, भाभी तो उसका सिर्फ़ टोपा ही अपने मुहं में ले पा रही थी और भाभी के गोरे गाल और गुलाबी होंठो के बीच वो काला लंड ऐसा लग रहा था जैसे सफेद टीले पर कोयले का निशान पड़ गया हो। फिर भाभी वहाँ पर चूसने में लगी हुई थी और में यहाँ पर ढीला हो गया था। फिर मेरा तो यह सब देखते ही झड़ गया और उस साले का क्या हाल हो रहा होगा मुझे नहीं पता? तो भाभी बहुत देर तक उसका लंड चूसती रही और फिर उसने भाभी के बाल पकड़ लिए और हल्के हल्के झटके देने लगा और वो कहने लगा कि में अब झड़ने वाला हूँ, उफ्फ्फ में झड़ जाऊंगा। फिर भाभी अब और भी मस्ती में आकर उसका लंड चूसने लगी और थोड़ी देर बाद वो भाभी के मुहं में ही झड़ गया और भाभी उसका सारा पानी पी गई जैसे जन्मो से प्यासी हो।

फिर वो कहने लगा कि ऐसा क्यों किया? अब जल्दी खड़ा नहीं होगा तो भाभी कहने लगी कि जल्दी किसको है और रही बात खड़ा करने की तो में वो सब कुछ कर दूँगी और तुम उस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो। फिर भाभी ने उसको पलंग पर लेटा दिया और उसके निप्पल को चूसने और चूमने लगी और उसकी छाती पर बहुत बाल थे और वो बालों पर हाथ भी फेरे जा रही थी और धीरे धीरे नीचे की तरफ आने लगी, उसकी नाभि जो कि बालों से घिरी हुई थी, उस पर अपनी जीभ घूमाने लगी और जिसकी वजह से वो तो साला लेटे हुए जन्नत की सेर कर रहा था। फिर उसके लंड पर भाभी अपने बूब्स को रगड़ने लगी, उसका लंड ढीला था और तब भी आकार में बहुत बड़ा था और फिर वो अपनी जीभ उसके टोपे पर फिराने लगी और पूरे लंड को चाटने लगी और गंदी गंदी बातें करने लगी जैसे कि वाह क्या मस्त लंड है तेरा, तू कहाँ था अब तक, इतना मोटा लंड लेकर ऑफिस में आस पास घूमता रहता था। एक बार आकर मेरी गांड पर रगड़ देता या दरवाज़ा खोलकर मूत करता तो अब तक तो में इसका सारा रस निचोड़ लेती और इसको जवान कर देती, अब जब भी बोलूँगी तो तू मुझे यहाँ जरुर लेकर आएगा, वरना में ऑफिस में तेरा जीना मुश्किल कर दूँगी और यह बात कहते कहते उसका लोड़ा भाभी अपने मुहं में लेकर चूस रही थी। दोस्तों अब यह सब देखकर तो मेरा लंड दोबारा से तनकर खड़ा हो गया था और में बहुत जोश में आ गया था। भाभी के मुहं से यह सब सुनकर मुझे पहले बहुत अजीब लगा, लेकिन अब बहुत मज़ा आने लगा था। अब वो भी मज़े से उछलने लगा और कहने लगा कि अब में तुझे अपनी रखैल बनाकर रखूँगा और हर दिन तेरी चूत की चुदाई जरुर करूंगा और तेरी चूत को चोद चोदकर आज में भोसड़ा बना दूंगा। फिर भाभी बोली कि तेरा लंड देखकर तो कोई भी औरत इसकी गुलाम हो जाए, अब में तेरी गुलाम रखैल रंडी सब बनकर रहूंगी और तुझे वो सारे सुख दूँगी जो में तुझे अपनी तरफ से दे सकती हूँ और मैंने कभी सुना था कि कोयले की खान में ही हीरा मिलता है और आज मैंने देख भी लिया। दोस्तों में अपनी भाभी को ऐसे देखकर बहुत हैरान था कि जो औरत घर में हमेशा घूँघट में रहती है, वो किसी गैर मर्द के साथ इतना सब कुछ एक अनुभवी रंडी की तरह क्यों कर रही है? वो अब उस आदमी का लंड अपने बूब्स के बीच में रखकर चूसने लगी थी, जैसे कि इसके बाद यह पल कभी नहीं आएगा और धीरे धीरे भाभी ने उसका लंड खड़ा कर ही दिया। फिर भाभी ने अपनी पेंटी उतारी और उसके लंड के ऊपर बैठ गई, लेकिन वो उसका आधा लंड ही अपनी चूत के अंदर ले पा रही थी,
क्योंकि लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और भाभी की चूत का छेद थोड़ा छोटा था और भाभी की आँखो से आँसू गिरने लगे, लेकिन अब भी वो लगातार कोशिश किए जा रही थी। वो भाभी के नीचे लेटा हुआ देख रहा था और हंस रहा था और अब पहले धीरे धीरे, लेकिन फिर एक झटके से वो उस लंड पर बैठ गई, जिसकी वजह से लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर घुस गया और वो चीख पड़ी। कुछ देर ऐसे ही बिना हिले बैठी रही। फिर जब वो थोड़ा शांत हुई तो वो आदमी नीचे से हल्के झटके देने लगा और थोड़ी देर झटके देने के बाद भाभी भी एकदम पहले जैसी हो गई और वो अब लंड पर उछलने लगी और लंड पूरा चूत से बाहर निकलता और फिर वो अंदर डाल लेती और ऐसे ही करीब 20 मिनट तक वो अपने तरीके से लंड को लेती रही और पता नहीं वो कितनी बार झड़ गयी। दोस्तों ये कहानी आप गंदीकहानियाँ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर भाभी ने उससे बोला कि अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ तो वो आदमी तुरंत उठा और भाभी से उसने घोड़ी बनने के लिए कहा और भाभी उसके सामने जल्दी से बन गयी और फिर उसने अपना लंड पीछे से भाभी की चूत में डाल दिया। अब भाभी की चूत थोड़ी सी सूज गई थी और एकदम लाल भी हो गयी थी, लेकिन वो तो पागलों की तरह पीछे से भाभी के बूब्स पकड़कर उन्हें लगातार धक्के देकर चोदे जा रहा था। वो कभी भाभी की गांड पर हाथ फेरता, पूरी पीठ पर चूमता काटता और फिर वो पूछने लगा कि क्यों मज़ा आ रहा है कि नहीं? तो भाभी बोली कि हाँ मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा है, में तो पहले ही समझ गई थी कि तुम मुझे आज खुश कर दोगे और बहुत मज़ा दोगे। फिर वो बोला कि क्यों तेरा पति तुझे ढंग से नहीं चोदता क्या? तो भाभी बोली कि ऐसी कोई बात नहीं है, वो मुझे खुश कर देते है, लेकिन मैंने जब से अपनी दोस्त से तुम्हारे बारे में सुना तब से पता नहीं मुझे क्या हो गया और कुछ समझ में नहीं आया। फिर वो बोला कि क्यों जब तुमने पहली बार मेरा लंड देखा तब तुम्हें कैसा लगा था? भाभी बोली कि में तो तुम्हारा लंड उस एक वीडियो में देखकर ही पागल हो गई थी, जिसमें तुमने मेरी उस दोस्त की चूत को चोद चोदकर उसकी माँ चोद दी थी, वो वीडियो मुझे मेरी दोस्त ने दिखाई थी। दोस्तों में उनकी बातें सुनकर समझ गया था कि कैसे और कब देखा भाभी ने इसका लंड देखा था और करीब 45 मिनट तक घोड़ी बनाकर भाभी को चोदते हुए उसने कहा कि अब में झड़ने वाला हूँ, अंदर डालूँ या बाहर? फिर भाभी ने कहा कि बाहर गिराना होता तो लंड पर कॉंडम लगाते ना बिना कॉंडम के करने दिया है, इसका मतलब अंदर ही झाड़ दो। फिर वो बोला कि अरे हाँ मैंने वो कंडोम का पैकेट तो बेकार ही लिया। भाभी बोली कि कोई बात नहीं तुम उसे अगली बार काम में ले लेना और अब तो हमारी चुदाई ऐसे ही चलती रहेगी और फिर वो झड़ने लगा तो उसने भाभी की गांड को पकड़कर अपना पूरा माल उनकी चूत में डाल दिया और उन्हीं के ऊपर लेट गया और करीब 15 मिनट तक वो दोनों ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को सहलाते रहे। फिर भाभी और वो वॉशरूम में साथ चले गये और दोनों ने एक दूसरे को साफ किया और वापस बाहर आकर उसने भाभी को पेंटी पहनाई और फिर भाभी कांच के सामने अपने बाल बनाने लगी और वो पीछे से जाकर भाभी से लिपट गया और भाभी ने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया? तो उसने कहा कि हाँ बहुत मज़ा आया काश कि तुम मेरी बीवी होती तो में तुम्हें ऐसे ही दिन रात चोदता रहता और अपना लंड सदा तुम्हारी चूत में डालकर पड़ा रहता। फिर भाभी तुरंत उससे बोली कि अब से में तुम्हारी रखैल हूँ और भाभी ने उसे अपना मंगलसूत्र उतारकर दे दिया और कहा कि तुम मुझे पहनाओ।

फिर उसने भाभी के बाल को एक साईड किया और उन्हें वो मंगलसूत्र पहनाया और फिर भाभी ने पर्स से सिंदूर निकाला और कहा कि भर दो तुम आज मेरी माँग। फिर उसने भाभी की माँग भरी और भाभी ने नीचे झुककर उसका लंड छुआ और चूमा और कहने लगी कि अब से इस पर मेरा भी पूरा हक हो गया है और गले लग गयी। फिर उसने और भाभी ने पूरे कपड़े पहने और फिर घर से बाहर निकलने से पहले उसने और भाभी ने स्मूच किया और एक दूसरे की जीभ को चाटा और वहाँ से निकल गये और थोड़ी देर बाद में भी वहाँ से निकल गया। फिर शाम को जब में अपने घर पर पहुंचा तो मैंने देखा कि भाभी खाना बना रही थी और सब लोग हॉल में बैठे हुए थे। उन्होंने मुझे आकर पानी दिया और घूँघट करके वापस किचन में चली गयी। फिर रात को सबने साथ खाना खाया और फिर सब अपने रूम में चले गये। मैंने जाकर भैया के रूम में देखा तो भाभी भैया से ऐसे बात कर रही थी जैसे वो उनसे बहुत प्यार करती है और उनके लिए सब कुछ कर सकती है। दोस्तों में तो हैरान था कि वो ऐसे बातें कर रही है जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं और उनके चेहरे पर बिल्कुल भी दुख नहीं है बल्कि बहुत खुश है ।।

धन्यवाद …

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